प्लासी के युद्ध के कारण हिंदी में: Plasi Ke Yudh Ke Karan Hindi Mein
नमस्कार दोस्तों, स्वगात् है आपका Techly360 हिंदी ब्लॉग में. और आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे प्लासी के युद्ध के कारण हिंदी में: Plasi Ke Yudh Ke Karan Hindi Mein के बारे में. साथ ही आपको इससे सम्बन्धित सभी चीजों के बारे में विस्तारपूर्वक बताएँगे.
प्लासी का युद्ध कब और क्यों हुआ?
क्लाइव ने नवाब पर अलीगढ़ की संधि भंग करने का आरोप लगाया और शीघ्र ही एक सेना के साथ कोलकाता से कुच किया. 23 जून 1757 ई. के प्रभात से प्लासी के आम्र-उपवन में सिराजुद्दौला की सेना और कंपनी की सेना से मुठभेड़ शुरू हुई. जिसे भारत के इतिहास में प्लासी के युद्ध के नाम से जाना जाता है. अपने दरबारियों की धोखेबाजी के कारण सिराजुद्दौला हार गया और युद्ध क्षेत्र से अपनी पत्नी लुत्फुन्निसा और नौकर के साथ भागा लेकिन पकड़ा गया. मुर्शिदाबाद की सड़कों पर हाथी के पैर की मांग कर नवाब को घसीटा गया. और मीरजाफर के बेटे मीरन द्वारा उसकी सपरिवार हत्या कर दी गई.
प्लासी के युद्ध के कारण हिंदी में
दोस्तों अगर आप भी प्लासी के युद्ध के प्रमुख कारणों के बारे में जानना चाहते हैं. तो मैं आपको बता दूं कि प्लासी की लड़ाई के कई महत्वपूर्ण कारण थे जिनमें निम्नांकित प्रमुख नीचे उपलब्ध कराए गए.
1. किलेबंदी करना
7 वर्षीय युद्ध छिड़ने से अंग्रेजों और फ्रांसीसी दोनों बंगाल में अपनी बस्तियां में नवाब की अनुमति के बिना दुर्ग बना रहे थे. इस प्रकार से वे अपनी शक्ति का विस्तार कर रहे थे. नवाब के मना करने पर तो फ्रांसीसीयो ने किलेबंदी बंद कर दी. परंतु अंग्रेजों ने उसके आदेश की अवहेलना की.
2. दस्तक का दुरुपयोग
अंग्रेज व्यापारी शाही फरमान द्वारा मिली सुविधा का दुरुपयोग कर रहे थे. और चुंगी दिए बिना कि व्यापार करते थे. विदेशी व्यापारियों को दस्तक देकर निशुल्क व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करते थे. इससे नवाब को आर्थिक क्षति हो रही थी.
3. अपराधियों को शरण
इसके अतिरिक्त अंग्रेजों ने नवाब के कुछ अभियुक्तों को अपने यहां शरण दे रखी थी. और जब नवाब ने उन्हें वापस मांगा, तो उन्होंने इंकार कर दिया. आश्चर्य नहीं कि नवाब कि विद्रोही व्यापारी मंडल से क्षुब्ध थे.
4. अंग्रेजों पर आक्रमण
जब नवाब के आदेश की अवहेलना कर अंग्रेजों ने कोलकाता की किलेबंदी जारी रखी. तो नवाब ने उन्हें दंड देने के लिए कासिम बाजार की कोठी पर 4 जून 1756 ईस्वी को अधिकार कर लिया. इसके बाद उसने कोलकाता पर आक्रमण कर दिया. घबराकर अंग्रेजों ने फुल्टा नामक द्वीप में भागकर शरण ली. बहुतों ने आत्मसमर्पण कर दिया और बहुत से लोग गिरफ्तार भी हो गए.
5. काली कोठरी की कहानी
हॉलवेल के मतानुसार 18 फुट लंबी 14 फुट 10 इंच चौड़ी एक कोठरी में 146 अंग्रेज जून की प्रचंड गर्मी के बावजूद बंद कर दिए गए. सुबह होते होते उनमें से सिर्फ 23 ही जीवित बचे. इसे इतिहास में काली कोठरी की दुर्घटना की संज्ञा दी गई. कुछ आधुनिक भारतीय इतिहासकारों ने हॉलवेल के मत को काल्पनिक बताया.
6. कोलकाता पर अंग्रेजों का पुन: अधिकार
जब कोलकाता के सत्यानाश की सूचना मद्रास पहुंची, तो वहां की अंग्रेज पदाधिकारी प्रतिशोध की भावना से जल उठे. उन्होंने क्लाइव तथा वाटसन के नेतृत्व में एक थल सेना तथा जल सेना बंगाल भेजी. जिसमें सिगरी कोलकाता पर अधिकार कर लिया विवश होकर सिराज को संधि करनी पड़ी. इस संधि के अनुसार अंग्रेजों की पुरानी व्यापारिक सुविधाएं लौटा दी गई और के लिए दिया गया मुद्रा निर्माण एवं उन्हें अधिकार मिल गया.
7. सिराज के विरुद्ध षड्यंत्र
परंतु इस संधि से अंग्रेजों तथा नवाब के बीच संघर्ष का अंत नहीं हो सका. क्लाइव ने शिराज तथा उनके बहनोई मीरजाफर को नवाब बनाने का षड्यंत्र रचा. उसने नवाब के विद्रोहियों के साथ मिलकर एक गुप्त संधि कर ली. नवाब का कोषाध्यक्ष राय दुर्लभ, सेनापति मीरजाफर और बंगाल के सबसे संपन्न बैंकर जगत सेठ इस षड्यंत्र में सम्मिलित थे.
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निष्कर्ष – So दोस्तों आपको यह प्लासी के युद्ध के कारण हिंदी में: Plasi Ke Yudh Ke Karan Hindi Mein का आर्टिकल कैसा लगा. निचे कमेंट करके जरुर बताये. साथ ही इस आर्टिकल को शेयर जरुर करे.