उत्तर भारत में नहर सिंचाई का मुख्य स्त्रोत का वर्णन
नमस्कार दोस्तों! स्वगात् है आपका Techly360 हिंदी ब्लॉग में. और आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की “Uttar Bharat Mein Nahar Sinchai Ka Mukhya Strot” के बारे में. चुकी भारत एक कृषि प्रधान देश है. तो ऐसे में कृषि के लिए सबसे जरुरी चीज़ पानी जो की सिंचाई से ही पूर्ति होती है.
उत्तर भारत में नहर सिंचाई का मुख्य स्त्रोत का वर्णन
उत्तर भारत में नहरों की अधिकता का प्रमाण गंगा एवं सतलज के मैदानी भागो में मिलता है. नहरों द्वारा सबसे अधिक सिंचाई पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, एवं राजस्थान में होती है. असल में उत्तर भारत के पश्चिमी हिस्से में नहरों का एक जाल सा है, जो कृषि उपज की वृद्धि में सहायक है. उत्तर भारत की कुछ प्रमुख नहरे इस प्रकार है-
1. पश्चिमी यमुना नहर: 3200 कि०मी० लम्बी इस नहर से लगभग 48000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है.
2. भांखडा नांगल नहर: यह देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय सिंचाई एवं बहुमुखी परियोजना है. इससे पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में सिंचाई होती है.
3. गुड़गाँव नहर: इससे पलवल, गुड़गाँव और बल्लभगढ़ तहसीलों के 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि को सींचा जाता है.
4. सरहिंद नहर: 6115 कि०मी० लम्बे इस नहर से पंजाब एवं हरियाणा के 6 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त है.
5. उपरी गंगा नहर एवं निचली गंगा नहर: दोनों नहर के सम्मिलित रूप में लगभग 9000 कि०मी० लम्बी इस नहर से कुल 12 लाख हेक्टेयर पर सिंचाई की जाती है.
6. शारदा नहर: इस नहर से 8 लाख हेक्टेयर की विस्तृत भूमि पर सिंचाई की जाती है. इन नहरों के अतिरिक्त पूर्वी यमुना नहर, आगरा नहर, बेतवा नहर, पूर्वी सोन नहर, पश्चिमी सोन नहर, त्रिवेणी नहर, मसानजोर नहर, कोसी नहर, केंद्रपारा नहर, मिदनापुर नहर, एडन नहर तथा दामोदर नदी की नहरे आदि उल्लेखनीय है.
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