क्या, कैसे, कहाँ, क्यों, है, आदि, जाने

किसने कानून को नैतिकता से अलग किया?

किसने कानून को नैतिकता से अलग किया – नमस्कार दोस्तो! स्वागत हैं आपका Techly360.com हिन्दी ब्लॉग में. और आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे “Kisne Kanoon Ko Naitikta Se Alag kiya” तो अगर आपके मन मे भी यही सवाल चल रहा था, तो इस सवाल का जवाब मैंने नीचे उपलब्ध करवा दिया हैं.

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किसने कानून को नैतिकता से अलग किया?

दोस्तों आपका सवाल हैं, किसने कानून को नैतिकता से अलग किया? मुख्य रूप से इसका उत्तर देखा जाए तो इसका उत्तर होगा उन्नीसवीं सदी ने कानून को नैतिकता से पूरी तरह अलग देखा जब ऑस्टिन ने कहा कि कानून संप्रभु का आदेश है. अगर उन कानूनों पे नजर डाले तो न्यायशास्त्र के विषय के रूप में केवल कानूनी मानदंड पाते हैं, और नैतिकता को कानून के क्षेत्र से बाहर करते हैं.


निष्कर्ष – दोस्तों आपको यह “किसने कानून को नैतिकता से अलग किया – Kisne Kanoon Ko Naitikta Se Alag kiya” का आर्टिकल कैसा लगा? निचे हमे कमेंट करके जरुर बताये. साथ ही इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर जरुर करे.

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